कबीर दोहावली
कबीर के दोहे ,कबीर दोहावली Kabir Dohavali, Kabir ke dohe
दुख में सुमरिन सब करे, सुख में करे न कोय । जो सुख में सुमरिन करे, दुख काहे को होय ॥ 1 ॥ तिनका कबहुँ न निंदिये, जो पाँयन तर होय । कबह...
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अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है गुलज़ार Gulzar अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है अभी न पर्दा गिराओ,...